मुरुद या मुरुड जंजीरा एक गांव है जो महाराष्ट्र राज्य के में स्थित है। यह अलीबाग से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुरुड का नाम सुनते ही दिमाग में जंजीरा के अपराजेय किले की तस्वीर उभरती है। यह किला इतिहास में जंजीरा के सिद्दिकियों के राजधानी के रुप में प्रसिद्ध है। यह किला बीच समुद्र में बना हुआ है। लेकिन आज यह स्थान एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रुप में विकसित हो चुका है। यह अपने खूबसूरत बीच रिजॉर्टों के लिए प्रसिद्ध है।
जंजीरा किला
यह किला 350 वर्ष पुराना है। स्थानीय लोग इसे अजिनक्या कहते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ अजेय होता है। माना जाता है कि यह किला पंच पीर पंजातन शाह बाबा के संरक्षण में है। शाह बाबा का मकबरा भी इसी किले में है। यह किला समुद्र तल से 90 फीट ऊंचा है। इसकी नींव 20 फीट गहरी है। यह किला सिद्दी जौहर द्वारा बनवाया गया था। इस किले का निर्माण 22 वर्षों में हुआ था। यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 22 सुरक्षा चौकियां है। ब्रिटिश, पुर्तगाली, शिवाजी, कान्होजी आंग्रे, चिम्माजी अप्पा तथा शंभाजी ने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था, लेकिन कोई सफल नहीं हो सका। इस किले में सिद्दिकी शासकों की कई तोपें अभी भी रखी हुई हैं।
जंजीरा का किला जाने के लिए ऑटोरिक्शा से मुरुड से राजपुरी जाना होता है। यहां से नाव द्वारा जंजीरा का किला जाया जा सकता है। एक व्यक्ित का नाव का किराया 12 रु. है। समय: सुबह 7 बजे से शाम 6 से 7 के बीच। यह किला शुक्रवार को दोपहर से 2 बजे तक बंद रहता है।
पद्मदुर्ग किला
वर्तमान समय का कासा किला ही पहले पद्मदुर्ग किला के नाम से जाना जाता था। इस किले का निर्माण शिवाजी के उत्तराधिकारी और पुत्र शंभाजी ने सिद्दिकियों के जंजीरा किले के जबाव के रुप में करवाया था। यह किला 81.5 एकड़ में फैला हुआ है। इस किले में मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की अनुमति से ही प्रवेश किया जा सकता है।
अहमदगंज महल
अहमदगंज महल भी सिद्दी नवाबों के जागीर का हिस्सा था। यह महल 45 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह महल वर्तमान नवाब सिद्दी महमूद खान का आवास है। इस महल में एक मस्जिद तथा पिछले दो नवाबों सिद्दी अहमद खान तथा सिद्दी मुहम्मद खान का मकबरा है।
मुरुड बीच
यह बीच 1.75 किलोमीटर लंबा है। इस बीच का बालू सफेद है। इस बीच में बिना खतरे के स्नान का आनंद उठा सकते हैं। बीच में काफी आगे खतरे का निशान बना हुआ है। यह निशान दो केसरिया रंग के झण्डों के माध्यम से दर्शाया गया है।
गारामंबी झरना
यह झरना 100 फीट ऊंचा है। यह मुरुड से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। इस झरने का पानी महाराष्ट्र में सबसे शुद्ध माना जाता है। इस कारण इस पानी को पीया भी जा सकता है। इसी के पास गारामंबी डैम भी है। इस डैम का निर्माण नवाब सिद्दी अहमद खान ने करवाया था। इसे विक्टोरिया जुबली कहा जाता था। इस डैम से पूरे मुरुड को पानी की आपूर्ति होती है।